संवैधानिक स्थिति

अनुच्छेद 151: लेखापरीक्षा रिपोर्ट

(1) संघ के खातों से संबंधित भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक की प्रतिवेदन राष्ट्रपति को सौंपी जाएगी, जो संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखी जाएगी।

(2) किसी राज्य के खातों से संबंधित भारत के नियंत्रक और   महालेखापरीक्षक की प्रतिवेदन राज्य के राज्यपाल को प्रस्तुत की जाएगी, जिसके कारण उन्हें राज्य के विधानमंडल के समक्ष रखा जाएगा।

राष्ट्रपति / राज्यपाल द्वारा लेखापरीक्षा प्रतिवेदन रखने की प्रक्रिया

  • लेखापरीक्षा प्रतिवेदन संघ/राज्य स्तर पर वित्त मंत्रालय /वित्त विभाग के माध्यम से राष्ट्रपति/राज्यपाल द्वारा संसद/ विधानमंडल में रखी जाती है।
  • लेखापरीक्षा प्रतिवेदन, दिन के लिए, कार्यसूची मद में शामिल है और प्रतियों की अपेक्षित संख्या, जैसा कि वित्त मंत्रालय / वित्त विभाग द्वारा मांग की गई है, उन्हें कैग/ उनके प्रतिनिधियों द्वारा प्रदान किया गया है।
  • प्रतिवेदन को सदन में रखे जाने के पश्चात, उन्हें सार्वजनिक डोमेन में दस्तावेज़ के रूप में माना जाता है। तब तक, सभी हितधारकों की ओर से गोपनीयता बनाए रखने की आवश्यकता है।

कैग की लेखापरीक्षा प्रतिवेदन पर चर्चा के लिए संसदीय/विधायी समितियाँ उपलब्ध कराई गईं

लेखापरीक्षा प्रतिवेदन पर चर्चा करने के लिए संसद / राज्य विधानसभाओं में दो प्रकार की समितियाँ गठित की जाती हैं:

1. सार्वजनिक उपक्रमों पर समिति (COPU)

2. लोक लेखा समिति (PAC)

 

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