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कार्यालय महालेखाकार, मेघालय का इतिहास सन् 1910 से है, जब शिलांग में कार्यालय नियंत्रक असम, की स्थापना की गई थी । इस कार्यालय ने महालेखाकार का दर्जा वर्ष 1952 को प्राप्त किया और यह तत्कालीन अविभाजित असम राज्य का संयुक्त लेखापरीक्षा और लेखा का कार्यालय बना । असम राज्य से नागालैण्ड, त्रिपुरा और मणिपुर राज्यों के पृथकीकरण तथा साथ ही इन तीन राज्यों के राजधानी में महालेखाकार के कार्यालयों की स्थापना के फलस्वरूप शिलांग स्थित कार्यालय महालेखाकार का कार्य क्षेत्र असम राज्य तक ही सीमित रह गई । जनवरी 1972 को असम राज्य से पृथक होकर मेघालय राज्य के बनने के फलस्वरूप शिलांग स्थित कार्यालय महालेखाकार, असम को कार्यालय महालेखाकर, असम और कार्यालय महालेखाकार, मेघालय, अरूणाचल प्रदेश एवं मिजोरम में विभाजित किए गए । इन दोनों कार्यालयों का कार्य मुख्यालय शिलांग से होने लगे ।
मार्च 1984 को भारतीय लेखा तथा लेखापरीक्षा विभाग के पुनर्गठन के क्रम में शिलांग स्थित विद्यमान दो महालेखाकार के कार्यालयों से निम्नलिखित चार महालेखाकार के कार्यालयों में बांटा गया । अर्थात् (i) महालेखाकार (लेखापरीक्षा), असम (ii) महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), असम (iii) महालेखाकार (लेखापरीक्षा), मेघालय, अरूणाचल प्रदेश एवं मिजोरम और (iv) महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), मेघालय, अरूणाचल प्रदेश एवं मिजोरम ।
कुछ वर्ष पश्चात कार्यालय महालेखाकार, असम के दोनों कार्यालयों को शिलांग से गुवाहाटी स्थानान्तरित किए गए ।
मिजोरम और अरूणाचल प्रदेश राज्यों के लिए महालेखाकार के कार्यालयों की स्थापना आईजोल और ईटानगर में क्रमशः जून 2007 तथा जुलाई 2008 को किए गए, जिसके चलते शिलांग स्थित कार्यालय महालेखाकार (लेखापरीक्षा), मेघालय, अरूणाचल प्रदेश एवं मिजोरम को महालेखाकार (लेखापरीक्षा), मेघालय नाम दिया गया ।