What are the duties of the CAG?
As envisaged in Article 149 of the Constitution, the Parliament enacted a detailed legislation called the CAG’s Duties, Powers and Conditions Act in 1971 which describes his mandate and puts almost every spending, revenue collecting or aid/grant receiving unit of the Government (the Centre and the States) under his audit domain. His duties are to audit and report upon:
• All receipts into and spending from the coffers (called the Consolidated Fund) of the Union and State Governments.
• All transactions relating to the Emergency expenses (called Contingency Funds) and relating to the monies of the public held by the Government e.g. Postal savings, Vikas Patras (called Public Accounts) at Central as well as State levels.
• All trading, manufacturing, profit and loss accounts, balance sheets and other subsidiary accounts kept in any Government department.
• All stores and stock accounts of all Government offices and departments.
• Accounts of all Government companies and Corporations e.g. ONGC, SAIL etc.
• Accounts of all autonomous bodies and authorities receiving Government money e.g. municipal bodies, IIM's, IIT's, State Health societies.
• Accounts of any body or authority on request of the President/Governor or on his own initiative.
The Act also provides for compilation of accounts of the State Governments from the subsidiary accounts maintained by the State Governments.
सीएजी की स्वतंत्रता कैसे सुनिश्चियत की गई है?
संविधान निम्नलिखित रूप से सीएजी द्वारा लेखापरीक्षा की स्वतंत्र और निष्परक्ष प्रकृति के लिए सक्षम बनाता है:
भारत के राष्ट्र पति द्वारा सीएजी की नियुक्ति
पदच्यूति हेतु विशेष प्रक्रिया (जैसे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश)
भारत की समेकित निधि से वेतन और प्रभारित व्यय (दत्त मत)
उनकी कार्य अवधि समाप्त होने के बाद किसी अन्य सरकारी कार्यालय में कार्य करने की अनुमति न होना।
हम कौन है?
प्रजातन्त्र में जिनके पास शक्तियां और जिम्मेदारियां होती है वे अपने कार्यों के प्रति जवाहदेह होने चाहिए। इस उद्देश्य हेतु संविधान ने कई संस्थागत तंत्र जैसे न्यायापालिका, सर्तकता निकाय और एक स्वतंत्र सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्था (साई) को अधिदेशित किया है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक और भारतीय लेखा तथा लेखापरीक्षा विभाग (आईएएडी) इसके अंतर्गत कार्य करते हुए भारतीय सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्था को गठित करते हैं। भारत के संविधान ने हमें राष्ट्र के लेखापरीक्षक के रूप में अधिदेशित किया है। इस प्रकार हम जिम्मेदारी सुनिश्चिात करने के लिए एक यंत्र हैं। सविधान का अनुच्छेद 149-151 सीएजी की विशेष भूमिका निर्धारित करती है।