कार्यालय महालेखाकार, ( संयुक्त प्रान्त) उत्तर प्रदेश, को दिनांक ३० जनवरी, १९५० से कार्यालय महालेखाकार, उत्तर प्रदेश कहा जे लगा । यह कार्यालय राज्य स्तर पर भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा लेखा विभाग की परवर्तित नीतियों के अनुसार, लेखा एवं लेखा परीक्षा विंग में पुनर्गठित किया गया था । दिनांक १ मार्च, १९८४ से भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग के पुनर्गठन के परिणाम स्वरुप, महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी ), उत्तर प्रदेश की स्थापना हुई। यह कार्यालय उत्तर प्रदेश राज्य के लेन देनो के लेखे एवं हकदारी के कार्य - कलाप निष्पादित करता है ।

महालेखाकार कार्यालय राज्य के कोषागारों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर राज्य सरकार के लेखे का रख रखाव करता है । राज्य के विनियोग लेखे एवं वित्त लेखे को तैयार करने के साथ-साथ महालेखाकार कार्यालय राज्य सरकार के कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि के अंशदानों के लेखे के रख - रखाव करता है । कार्यालय को , राज्य के विभिन्न इंजीनियरिंग विभागों (लोक निर्माण विभाग, लघु सिचाई, तथा ग्रामीण इंजीनियरिंग सेवा) के रख - रखाव के साथ - साथ उत्तर प्रदेश के वन विभाग की वन डिवीज़न के लेखे के संकलन का दायित्व भी सौपा गया है ।

जनता एवं निवासियों को हमारी गतिविधियों की सूचना देने के साथ ही सामान्य भविष्य निधि अभिदाताओं एवं पेंशन भोगियों को बेहतर सेवा उपलब्ध करने की दिशा में एक छोटा सा कदम /प्रयास है |