इन्टोसाई के साथ संबंध
सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थानों का अन्तर्राष्ट्रीय संगठन (इन्टोसाई) बाहरी सरकारी लेखापरीक्षा समुदाय के लिए एकछत्र संगठन के रूप में कार्य करता है। इन्टोसाई एक स्वायत्त, स्वतंत्र तथा गैर-राजनीतिक संगठन है।
इन्टोसाई की चार प्रमुख समितियां है जो इसके चार नीतिगत लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए इसकी वाहक हैं। ये समितियां हैं:
- व्यवसायिक मानक समिति (पीएससी)
- क्षमता निर्माण समिति (सीबीसी)
- ज्ञान सहभाजन तथा ज्ञान सेवा समिति (केएससी)
- वित्त एवं प्रशासनिक समिति (एफएसी)
भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक ज्ञान सहभाजन तथा ज्ञान सेवा- (केएससी) पर इन्टोसाई समिति तथा इसकी संचालन समिति के अध्यक्ष हैं। नौ कार्यकारी दल, एक कार्यबल तथा सरकारी लेखापरीक्षण का अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल (आईजेजीए) केएससी के छत्र के अन्तर्गत कार्य करते हैं। कार्यकारी दल/कार्यबल विशिष्ट क्षेत्रों की लेखापरीक्षा पर मार्गदर्शन तथा सर्वोत्तम कार्य प्रणाली तैयार करने के लिए समर्पित हैं। केएससी की मुख्य समिति में आज 104 सदस्य तथा तीन पर्यवेक्षक हैं। विवरण ज्ञान सहभाजन समिति की वेबसाईwww.intosaiksc.orgपर उपलब्ध हैं।
भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक आईटी लेखापरीक्षा पर इन्टोसाई कार्यकारी दल (डब्ल्यूजीआईटीए) के भी अध्यक्ष हैं। आईटी लेखापरीक्षा पर कार्यकारी दल (डब्ल्यूजीआईटीए) का गठन 1989 में आईटी लेखापरीक्षा के क्षेत्र में साईज के हितों पर ध्यान देने के लिए किया गया था। डब्ल्यूजीआईटीए का उद्देश्य अनुभवों के विनियम के लिए सूचना एवं सुविधांए उपलब्ध करा कर सूचना प्रौद्यौगिकी के उपयोग तथा लेखापरीक्षा के लिए अपना ज्ञान तथा कौशल विकसित करने में साईज को सहायता करना तथा द्विपक्षीय तथा क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना है। वर्तमान में, डब्ल्यूजीआईटीए में 44 सदस्य तथा चार पर्यवेक्षक हैं। विवरणwww.intosaiitaudit.org पर उपलब् हैं।
भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक विभिन्न इन्टोसाई समितियों/उपसमितियों/ कार्यकारी दल/कार्यबल के सदस्य हैं। .