लेखापरीक्षा रिपोर्ट
Delhi
वर्ष 2021 की प्रतिवेदन सं. 1 - भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का 31 मार्च 2019 को समाप्त वर्ष के लिए राजस्व, आर्थिक, सामाजिक एवं सामान्य क्षेत्र तथा सा.क्षे.उ. पर प्रतिवेदन - राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार
अवलोकन
इस प्रतिवेदन में राजस्व, आर्थिक, सामाजिक एवं सामान्य क्षेत्रों और सामान्य क्षेत्र उपक्रम (सा.क्षे.उ.) से संबंधित तीन अध्यायों के लेखापरीक्षा निष्कर्ष सम्मिलित है। अध्याय I में राजस्व क्षेत्र से संबंधित अव निर्धारण, कर की कम उगाही, ब्याज तथा जुर्माने पर ₹ 137.77 करोड़ के सात अनुपालना लेखापरीक्षा पैराग्राफ शामिल है। अध्याय II में सा.क्षे.उ. से संबंधित विद्युत क्षेत्र तथा गैर-विद्युत क्षेत्र सा.क्षे.उ. की कार्यशैली पर पुनरावंलोकन तथा ₹ 30.23 करोड़ को सम्मिलित करते हुए चार अनुपालना लेखापरीक्षा पैराग्राफ शामिल है तथा अध्याय III में सामाजिक तथा सामान्य क्षेत्रों से संबंधित ₹ 29.76 करोड़ को सम्मिलित करते हुए तीन अनुपालना लेखापरीक्षा पैराग्राफ शामिल है।
अध्याय I: राजस्व क्षेत्र
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (रा.रा.क्षे.दि.स.) की कुल राजस्व प्राप्तियां वर्ष 2017-18 में ₹ 38,667.27 करोड़ की तुलना में वर्ष 2018-19 हेतु ₹ 43,112.60 करोड़ थी। इसमें से, 86 प्रतिशत कर राजस्व (₹ 36,624.67 करोड़) और गैर-कर राजस्व (₹ 644.16 करोड़) द्वारा उत्थित थीं।
अनुपालना लेखापरीक्षा पैराग्राफ में कम उगाही/कम स्टाम्प शुल्क की कम वसूली तथा पंजीकरण शुल्क, कर की कम उगाही इत्यादि को इंगित किया गया है।
अध्याय II: सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (सा.क्षे.उ.)
31 मार्च 2019 तक, 19 राज्य सा.क्षे.उ. थे जिसमें 17 सरकारी कंपनियां तथा दो सांविधिक निकाय शामिल थे। कार्यशील सा.क्षे.उ. की 30 सितम्बर 2019 तक अद्यतन नवीनतम लेखों के अनुसार ₹ 9,318.69 करोड़ की वार्षिक टर्नओवर पंजीकृत थी जो कि 2018-19 के लिए सकल राज्य घरेलू उत्पाद (स.रा.घ.उ.) के 1.20 प्रतिशत के बराबर थी।
विद्युत क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा अर्जित लाभ 2014-15 में ₹ 297.55 करोड़ के मुकाबले 2018-19 में ₹ 806.48 करोड़ था विद्युत क्षेत्र के पांच उपक्रमों का कुल सचित लाभ ₹ 869.91 करोड़ था। 2014-15 से 2018-19 तक पांच वर्षों की अवधि के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (विद्युत क्षेत्र के अलावा) को कुल मिलाकर हानि हुई। 14 सार्वजनिक उपक्रमों में से, पांच सार्वजनिक उपक्रमों को ₹ 68.42 करोड़ का लाभ अर्जित किया और पांच सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने ₹ 4,366.95 करोड़ की हानि हुई (जिसमें से दि.प.नि. की ₹ 4,329.41 करोड़ की हानि थी)।
बवाना और नरेला में औद्योगिक क्षेत्रों के संचालन और रखरखाव की लेखापरीक्षा ने दो रियायतग्राहियों द्वारा रियायत समझौते के अनुसार कार्यों का उचित निर्वहन सुनिश्चित करने के संबंध में दिल्ली राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम की ओर से गंभीर कमियों को उजागर किया जैसे कि पानी का अनाधिकृत संग्रह और सीवर कनेक्शन शुल्क, अनुचित निगरानी, अपर्याप्त शिकायत निवारण तंत्र आदि। इसके अतिरिक्त प्रतिवेदन में संपत्ति के कम मूल्यांकन और सा.क्षे.उ. द्वारा सेवा कर की वसूली में विफलता के कारण हानि भी सामने आई है।
अध्याय III: सामाजिक, सामान्य तथा आर्थिक क्षेत्र (गैर-सा.क्षे.उ.)
प्रतिवेदन के इस भाग में दिल्ली भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली एवं दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा विद्युतीय प्रभारों पर अतिरिक्त व्यय तथा इंद्रप्रस्थ सूचना एवं तकनीकी संस्थान दिल्ली द्वारा कर्मचारियों को परिवहन भत्ते की अधिक भुगतान से संबंधित ₹ 29.76 करोड़ के वित्तीय निहितार्थ के तीन पैराग्राफ शामिल है।
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वर्ष 2021 की प्रतिवेदन सं. 1 - भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का 31 मार्च 2019 को समाप्त वर्ष के लिए राजस्व, आर्थिक, सामाजिक एवं सामान्य क्षेत्र तथा सा.क्षे.उ. पर प्रतिवेदन - राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (3.97 एमबी) डाउनलोड
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