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हिमाचल प्रदेश सरकार के वित्त पर यह प्रतिवेदन 2011 में संशोधित राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनयम, 2005 के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों एवं बजट प्राक्कलनों की तुलना में 2021-22 के दौरान राज्य के वित्तीय प्रदर्शन का आंकलन; तथा राज्य सरकार की प्राप्तियों व संवितरणों की प्रमुख प्रवृत्तियों एवं संरचनात्मक रूपरेखा का विश्लेषण प्रस्तुत करता है।
31 मार्च 2022 को समाप्त वर्ष हेतु हिमाचल प्रदेश सरकार के लेखापरीक्षित लेखाओं तथा आर्थिक सर्वेक्षण (राज्य सरकार द्वारा किए गए) एवं जनगणना जैसे कई स्रोतों से एकत्रित अतिरिक्त ब्यौरे पर आधारित यह प्रतिवेदन पांच अध्यायों में राज्य सरकार के वार्षिक लेखाओं की विश्लेषणात्मक समीक्षा उपलब्ध करता है।
अध्याय-I इस प्रतिवेदन एवं अंतर्निहित ब्यौरे (विवरणों) के मूल आधार एवं दृष्टिकोण का वर्णन करता है, जिसमें सरकारी लेखाओं की संरचना, बजटीय प्रक्रियाओं, प्रमुख सूचकांकों का वृहद राजकोषीय विश्लेषण एवं घाटे/ अधिशेष सहित राज्य की राजकोषीय प्रास्थिति का विहंगावलोकन प्रस्तुत है।
अध्याय-II वित्त लेखाओं की लेखापरीक्षा पर आधारित है एवं राज्य के वित्त का एक व्यापक परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हुए विगत वर्ष से सम्बंधित प्रमुख राजकोषीय समुच्चय में हुए महत्वपूर्ण परिवर्तनों, विगत पांच वर्षों के दौरान समग्र प्रवृत्तियों, राज्य की ऋण रूपरेखा एवं प्रमुख लोक लेखा लेनदेन का विश्लेषण प्रस्तुत करता है।
अध्याय-III विनियोजन लेखाओं की लेखापरीक्षा पर आधारित है तथा विनियोजनों का अनुदान‑वार विवरण प्रस्तुत करता है। इसमें वित्तीय जवाबदेही एवं बजट प्रबंधन, कोषागारों की कार्यपद्धति में कमियों व चयनित अनुदानों की समीक्षा के परिणामों पर टिप्पणियां समाविष्ट हैं।
अध्याय-IV राज्य सरकार की विभिन्न रिपोर्टिंग आवश्यकताओं एवं वित्तीय नियमों के अनुपालन तथा राज्य सरकार के विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा प्रस्तुत किए गए लेखाओं की गुणवत्ता का विवरण उपलब्ध कराता है।
अध्याय-V में सरकारी कंपनियों, सरकार के नियंत्रणाधीन अन्य कंपनियों एवं सांविधिक निगमों द्वारा प्रस्तुत लेखाओं के अनुसार उनकी वित्तीय विवरणियों/ प्रदर्शन पर की गई लेखापरीक्षा टिप्पणियां समाविष्ट हैं।