निधि से आहरण

पंद्रह साल की सेवा पूरी होने के बाद या सेवानिवृत्ति की तारीख के दस साल पहले किसी भी समय, जमा निधि से अभिदाता को राशि आहरण के लिए सक्षम अधिकारी मंजूरी दे सकते हैं।

आहरण के लिए शर्तें

  • एक उद्देश्य के लिए केवल एक ही आहरण की अनुमति है।
  • दिनांक 01/04/2003 के जी.ओ. 103 वित्त (भत्ते) के अनुसार:
  • नियम 15-(A) के a, b, c और h में निर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए आहरण की अधिकतम राशि (यानी) शिक्षा, विवाह, बीमारी, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के लिए रु 5,00,000/ - से अधिक नहीं होगी (केवल पाँच लाख रुपये) या मासिक वेतन का 75 गुना, जो भी कम हो।
  • नियम 15-(A)  के d, e, f और g में निर्दिष्ट आवास के प्रयोजन के लिए आहरण की अधिकतम  राशि रु 9,00,000/- अधिक नहीं होगी (केवल नौ लाख रुपये) या मासिक वेतन का 75 गुना, जो भी कम हो और राज्य/केंद्र सरकार की योजना एवं सार्वजनिक / निजी वित्तीय संस्थान से प्राप्त आवास ऋण के साथ आवास निर्माण अग्रिम की स्वीकृत कुल राशि, यदि कोई हो, एक उद्देश्य के लिए रु॰ 25,00,000 से अधिक नहीं होगी।
  • एक वित्तीय वर्ष में, एक अभिदाता 6 महीने के अंतराल में या तो अस्थायी अग्रिम या  आंशिक अंतिम आहरण निकाल सकता है, ताकि एक वर्ष में केवल दो आहरण हो सकें।
  • सक्षम प्राधिकारी जो आंशिक अंतिम आहरण को मंजूरी दे सकतें हैं, सेवानिवृत्ति के 12 महीने के भीतर आवेदन करने पर अभिदाता के क्रेडिट की शेष राशि का 90% तक आहरण  की मंजूरी दे सकतें है। आहरण के लिए कोई भी कारण बताए बिना और महालेखाकार से बिना किसी प्राधिकरण के  इसका लाभ केवल एक बार लिया जा सकता है, भले ही सेवा के आखिरी 4 महीने के भीतर दिया गया हो। (सामान्य भविष्य निधि (तमिलनाडु) नियम के नियम 27(ए))
  • पाँचवाँ वेतन आयोग बकाया, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग बकाया और एक वर्ष से पहले लगाए गए महंगाई भत्ते का श्रेय, शेष राशि के 90% की गणना के लिए ध्यान में रखा जा सकता है (सरकारी पत्र संख्या 140075/A11/93-1 वित्त (भत्ते) विभाग दिनांक 15.01.1993)