निधि से अग्रिम:

उपयुक्त प्राधिकारी के विवेक पर एक अभिदाता को नियम पुस्तिका में सूचीबद्ध व्यय के लिए अपने खाते के क्रेडिट की राशि से अस्थायी अग्रिम दी जा सकती है।

संस्वीकृति के लिए शर्तें:

  • नियमों की 5 वीं अनुसूची में निर्दिष्ट एक प्राधिकरण द्वारा लिखित में एक मंजूरी  आदेश होना चाहिए।
  • विशेष कारणों के अलावा अस्थायी अग्रिम, शेष राशि के 50% से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • पहली अग्रिम के आहरण की तारीख से 6 महीने के बाद ही दूसरी अग्रिम मंजूर की जा सकती है, और इस तथ्य को स्वीकृति आदेश में प्रमाणित किया जाना चाहिए।

अग्रिमों की वसूली

  • संस्वीकृतिदाता प्राधिकारी के निर्देशो के अनुसार अग्रिमों को समान मासिक किस्तों में अभिदाता से वसूल किया जाएगा, किन्तु अभिदाता के चुनने पर उन किस्तों की संख्या 12 से कम या 24/36 से अधिक नहीं होगी,
  • जब कोई अग्रिम की वसूली चल रही हो तो दूसरा अग्रिम मंजूर होने पर इसे समेकित किया जाना चाहिए और अग्रिमों की वसूली के लिए किस्तें समेकित राशि पर तय की जाएंगी। अस्थायी अग्रिमों पर कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा।
  • नियम 9 के अनुसार,  तमिलनाडु सामान्य भविष्य निधि नियम के नियम 15(1) के नीचे दिए नोट के साथ पठित, सेवा के आखिरी चार महीनों के दौरान, सामान्य भविष्य निधि के लिए अभिदान/धनवापसी की कोई वसूली नहीं होगी। इसलिए, अग्रिम देने के सक्षम अधिकारी,  वसूली के लिए किस्तों की संख्या 36 महीने से अधिक नहीं करेंगे, ताकि सेवानिवृत्ति की तारीख से चार महीने पहले पूरी तरह से अग्रिम की वसूली की जा सके।