पी.ए.सी.

सी.ए.जी. से लेखापरीक्षा प्रतिवेदन के अनुमोदन के पश्चात् विधानसभा के पटल पर रखे जाने हेतु राज्य के राज्यपाल को भेजा जाता है। विधानसभा के पटल पर रखे जाने के बाद प्रतिवेदन को चर्चा हेतु लोक लेखा समिति के पास भेजा जाता है। प्रधान महालेखाकार लोक लेखा समिति की सहायता हेतु बैठक में शामिल होते है। चर्चा के बाद लोक लेखा समिति संबंधित प्रशासनिक विभागों को अनुशंसा के रूप में अपने अवलोकन भेजती है। उसके बाद प्रशासनिक विभाग अपनी कार्रवाई से संबंधित टिप्पणी लोक लेखा समिति के समक्ष प्रस्तुत करते हैं जिसकी प्रति इस कार्यालय को भी अग्रसारित की जाती है जो मुद्रित लेकापरीक्षा कंडिका पर अंतिम निर्णय हेतु पी.ए.सी. को प्रस्तुत की जाती है।

 

सी.ओ.पी.यू.

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक से प्रतिवेदन के अनुमोदन के पश्चात् उसे विधानसभा के पटल पर रखे जाने हेतु राज्य के राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। विधानसभा में रखे जाने के बाद प्रतिवेदन को चर्चा हेतु लोक उपक्रमों की समिति को भेजा जाता है। तब सी.ओ.पी.यू. अनुशंसा के रूप में अपना अवलोकन संबंधित प्रशासनिक विभागों को भेजती है। उसके बाद प्रशासनिक विभाग की गई कार्रवाई की टिप्पणी हमारे कार्यालय को अग्रसारित करते हुए जमा करती है, फिर इस कार्यालय की टिप्पणी मुद्रित लेखापरीक्षा कंडिका पर अंतिम निर्णय हेतु सी.ओ.पी.यू. को भेजती है।

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