भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक एक संवैधानिक प्राधिकारी है जिसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा उनके हस्तिलिखित एव महुर से वारंट के अंतर्गत नियुक्त किया गया है।  भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के कार्य मुख्य रूप से भारत के संविधान के अनुच्छेद 149 से 151 के प्रावधानों से लिया गये है। नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के (कर्तव्य, शक्तियाँ, तथा सेवा शर्तो) अधिनियम 1971, संविधान के अनुच्छेद 148(3) तथा 149 के तहत 1971 में संसद में पारित किये गए। भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक सिक्किम सरकार के लेखों के संकलन तथा तैयारी के लिए जवाबदेही है।

वरिष्ठ उप महालेखाकार (लेखा व हक) कार्यालय के कार्य निम्न हैः

  • राज्य के लेखों का संकलन एवं समेकन जिसमें मासिक लेखों, वार्षिक लेखो एवं लेखों की तैयारी का संकलन एक नजर में होता है।
  • सिक्किम उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायधीश एवं अन्य न्यायधीशों के पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत हितलाभों को अंतिम रूप देना एवं प्राधिकरण। सिक्किम में अन्य राज्यों के पेंशनर आहरित करने के संबंध मेंपेशंनरी के निपटान के लिए सिक्किम सरकार एवं अन्य राज्यों के बीच मध्यस्थता के रूप में कार्य करना।