सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005

मुख्यालय कार्यालय पत्र संख्या 541-एलसी/ 111 - 2005 दिनांक 26.08.2005 के अनुसार, निम्नलिखित सूचना, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4 (1) (बी) के तहत उपलब्ध कराई गई है

संगठन के कार्यों और कर्तव्यों का विवरण: प्रधान महालेखाकार आर्थिक और राजस्व क्षेत्र लेखापरीक्षा कार्यालय के प्रमुख होते  है। उन्हें प्रशासन, लेखापरीक्षा प्रबंधन समूह - I, लेखापरीक्षा प्रबंधन समूह - II तथा लेखापरीक्षा प्रबंधन समूह - III के प्रभारी समूह अधिकारियों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।कार्यालय को भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कर्तव्य, शक्तियां और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 के प्रावधानों के तहत आंध्र प्रदेश राज्य की गतिविधियों की लेखापरीक्षा का कार्य सौंपा गया है।

अधिकारियों की शक्तियां और कर्तव्य:

पर्यवेक्षण और जवाबदेही के चैनलों सहित इसकी निर्णय लेने की प्रक्रिया में कार्यविधि का पालन किया जाता है।

सामान्यतः वरिष्ठ लेखापरीक्षा अधिकारी, सहायक लेखापरीक्षा अधिकारी तथा (वरिष्ठ) लेखापरीक्षक से मिलकर बने हुए लेखापरीक्षा दलों द्वारा विभागीय कार्यालयों के निरीक्षण के माध्यम से राज्य पीएसयू / वाणिज्यिक उपक्रमों की वार्षिक लेखा का प्रमाणीकरण तथा राज्य व्यय व प्राप्तियों की लेखा परीक्षा की जाती है। 

प्रशासनिक मामलों और व्यक्तिगत दावों पर ध्यान देने के अलावा, समूह अधिकारी के माध्यम से फील्ड पार्टियों से निरीक्षण रिपोर्ट का पुनरीक्षण तथा संबंधित विभागों को  जारी करना तथा उनका अनुसरण मुख्यालय अनुभागों की गतिविधियों में शामिल हैं। 

उन्हें मुख्यालय में तैनात वरिष्ठ लेखापरीक्षा अधिकारी, सहायक लेखापरीक्षा अधिकारी और लेखापरीक्षक द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।

समूह अधिकारियों या विभाग के प्रमुख द्वारा आवश्यकता होने पर अंतिम निर्णय लेने के साथ निर्णय लेने की प्रक्रिया सहायक लेखापरीक्षा अधिकारियों के माध्यम से अनुभागों में शुरू की जाती है।

कार्यों के निर्वहन के लिए इसके द्वारा निर्धारित मानदंड :

विभिन्न संवर्गों में कार्यों का निर्वहन विभिन्न नियम पुस्तिकाओं और लेखापरीक्षा मानकों तथा भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा जारी दस्तावेजों/प्रकाशनों  के अनुसार किया जाता है।

कर्मचारियों द्वारा कार्यालय के कार्यों के निर्वहन के लिए रखे जाने व उपयोग में लिए जाने वाले नियम, विनियम, निर्देश, नियमावली और अभिलेख -

भारत सरकार और भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा बनाए गए नियम और विनियम इन कार्यों के निर्वहन में उपयोग किए जाते हैं। केंद्रीय सिविल सेवा (जैसे छुट्टी, पेंशन, सीसीए नियम, आदि) को नियंत्रित करने वाले विभिन्न नियमों के अलावा, स्थायी आदेश की नियम पुस्तिका (लेखापरीक्षा) (भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक द्वारा जारी), लेखापरीक्षा की नियमपुस्तिका  (वाणिज्यिक), राजस्व लेखापरीक्षा की नियम पुस्तिका, वित्तीय लेखापरीक्षा दिशानिर्देशों, प्रदर्शन लेखापरीक्षा दिशानिर्देशों,  अनुपालन लेखापरीक्षा दिशानिर्देशों का इस प्रयोजन के लिए उपयोग किया जाता है।

कार्यालय द्वारा या उसके नियंत्रण में रखे गए दस्तावेजों की श्रेणियों का विवरण:

लेखपारीक्षा संगठनों और सरकारों से प्राप्त किए गए दस्तावेज़ कार्यालय द्वारा रखे जा रहे हैं।

किसी भी व्यवस्था का विवरण, जो नीति के नियमन या कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों के साथ परामर्श या प्रतिनिधित्व के लिए मौजूद है।

लागू नहीं है।

इसके द्वारा निर्मित बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों, जिनका निर्माण सलाह के उद्देश्य'के भाग के रूप में किया गया है, का एक विवरण जिसमें दो या उससे अधिक व्यक्ति शामिल हों, इसके अतिरिक्त, इस तरह की जानकारी कि क्या इन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली हैं, या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त जनता के लिए सुलभ हैं।

निम्नलिखित समितियाँ स्थापित हैं और संचालन में हैं:

  • लेखापरीक्षा सलहकारी बोर्ड
  • कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों से निपटने के लिए समिति।
  • आरक्षित वर्ग के संबन्धित कर्मचारियों की शिकायतों से संबन्धित मामलों से निपटने के लिए एससी/एसटी प्रकोष्ठ

अधिकारियों और कर्मचारियों की एक निर्देशिका:

इसके नियमों में प्रदत्त मुआवजे की प्रणाली को शामिल करते हुए इसके सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्राप्त मासिक पारिश्रमिक।

पदों की प्रत्येक श्रेणी के वेतनमान तथा उस श्रेणी में व्यक्तियों की संख्या का विवरण नीचे दिया गया है:

अपनी प्रत्येक एजेंसी को आवंटित बजट, सभी योजनाओं, प्रस्तावित व्यय और किए गए संवितरणों पर रिपोर्ट का विवरण दर्शाता है।

बजट का आवंटन इस कार्यालय द्वारा किए गए प्रस्तावों के आधार पर भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के कार्यालय द्वारा किया जाता है तथा बजट व व्यय निगरानी प्रणाली (बीईएमएस) द्वारा इसकी निगरानी की जाती है। बीईएमएस अब पीएफ़एमएस (आईबीईएमएस) के साथ एकीकृत है।

आवंटित राशि और ऐसे कार्यक्रमों का विवरण और लाभार्थी को शामिल करते हुये सब्सिडी कार्यक्रमों के निष्पादन का तरीका

लागू नहीं

कार्यालय द्वारा मंजूर किए गए रियायतों, परमिट या  प्राधिकरण की प्राप्तियों का विवरण।

लागू नहीं

एलेक्ट्रिनिक स्वरूप में बदली गयी कार्यालय के पास उपलब्ध या इसके द्वारा रखी गयी जानकारी के विवरण

जल्द ही सारी जानकारी www.cag.gov.in पर इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में उपलब्ध करा दी जाएगी

दिनांक 16.09.2005 की अधिसूचना के जरिये भारत सरकार, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) द्वारा निर्धारित शुल्क और लागत का विनियमन इस प्रकार है:

  • धारा 6 की उप धारा (1) के तहत सूचना प्राप्त करने का अनुरोध उचित रसीद के खिलाफ नकद के रूप में दस रुपये के आवेदन शुल्क के साथ या डिमांड ड्राफ्ट या बैंकर्स चेक द्वारा लोक प्राधिकरण के प्रधान महालेखाकार (आ. एवं रा.क्षे.ले.प.) का कार्यालय, आंध्र प्रदेश, हैदराबाद के लेखा परीक्षा अधिकारी (बिल्स) को देय होगा। 
  • अधिनियम की धारा 7 की उप-धारा (1) तथा (5) एवं धारा 4 की उप धारा (4)) के तहत जानकारी प्रदान करने के लिए शुल्क निम्नलिखित दरों पर वसूला जाएगा:
  • धारा 7 की उपधारा (1) के तहत जानकारी प्रदान करने के लिए, शुल्क उचित रसीद के खिलाफ नकद के माध्यम से या डिमांड ड्राफ्ट या बैंकर्स चेक द्वारा निम्नलिखित दरों पर लोक प्राधिकरण के लेखा परीक्षा अधिकारी (बिल्स) को देय होगा:
    • ए -3 तथा इससे छोटे आकार के प्रत्येक पृष्ठ के लिए दो रुपए
    • बड़े आकार के पेपर में एक कॉपी का वास्तविक शुल्क या लागत मूल्य
    • नमूने या मॉडल के लिए वास्तविक लागत या मूल्य; तथा
    • प्रति डिस्केट या फ्लॉपी के पचास रुपये
    • ऐसे प्रकाशन के लिए निर्धारित मूल्य पर मुद्रित रूप में प्रदान की गई जानकारी के लिए या प्रकाशन से अर्क के लिए प्रति पृष्ठ की फोटोकॉपी के दो रुपये।
    • अभिलेखों के निरीक्षण के लिए, पहले घंटे के लिए कोई शुल्क नहीं और उसके बाद हर पंद्रह मिनट (या उसके कुछ अंश) के लिए पांच रुपये का शुल्क
    • सूचना की आपूर्ति में शामिल डाक शुल्क का इतना हिस्सा जो पचास रुपये से अधिक है।
    • फीस का भुगतान निम्न में से किसी भी तरीके से किया जा सकता है, अर्थात्: -
  • नकद में, सार्वजनिक प्राधिकारी को या सार्वजनिक प्राधिकारी के केंद्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी को, जैसा भी मामला हो, एक उचित रसीद के खिलाफ; या
  • सार्वजनिक प्राधिकरण के लेखा अधिकारी को देय डिमांड ड्राफ्ट या बैंकर चेक या भारतीय पोस्टल ऑर्डर; या
  • सार्वजनिक प्राधिकरण के लेखा अधिकारी को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से, यदि इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शुल्क प्राप्त करने की सुविधा सार्वजनिक प्राधिकरण के पास उपलब्ध है

सूचना प्राप्त करने के लिए नागरिकों को उपलब्ध सुविधाओं का विवरण, पुस्तकालय या वाचनालय की कार्यावधि सहित, यदि नागरिकों के उपयोग के लिए रखरखाव किया जा रहा है।

इस प्रकार की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।

16. धारा 4 (1) (बी) के अंतर्गत लोक सूचना अधिकारी के नाम, पदनाम और अन्य विवरण

श्री आदित्य राजेंद्र भोजगाढ़िया, उप महालेखाकार (प्रशासन) को केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी के रूप में नामित किया गया है

फोन नं. 040-23233380

प्रधान महालेखाकार प्रथम अपीलीय प्राधिकारी है

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