महालेखाकार (ले व ह), लेन-देनों की जांच करने, नियमों और विनियमों में निर्धारित रूप में लेखाओं और अन्य अभिलेखों के रख-रखाव को सत्यापित करने के लिए खज़ानों का आवधिक निरीक्षण करेगा । इन निरीक्षणों के बाद निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं को शामिल करते हुए निरीक्षण रिपोर्टें तैयार की जाती हैं । सभी निरीक्षण रिपोर्टें संबंधित उप खज़ानों को जारी की जाती हैं, जिसकी प्रतिलिपियां संबंधित जिला खज़ाने और खज़ाना एवं लेखा निदेशक को अनुपालन के लिए चिह्नित की जाती हैं । खज़ाना संहिता खंड़-1 के ख.नि. 31 के तहत अनुदेशों के अनुसार खज़ाना अधिकारी, पश्च लेखापरीक्षा आपत्तियों का निपटारा उसकी प्राप्ति के एक पखवाड़े के भीतर करेगा और समय-समय पर पैराओं की निकासी की निगरानी के लिए पश्च लेखापरीक्षा पंजी रखेगा । केरल राज्य में खज़ाने और उप खज़ाने खज़ाना निदेशालय के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन कार्य करते हैं जो राज्य सरकार के वित्त विभाग द्वारा नियंत्रित होता है ।